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चेहरा घोषित करने की कांग्रेस में परंपरा नहीं: अजय सिंह

नेता प्रतिपक्ष के बयान से एक बार फिर से कांग्रेस की गुटबाजी सामने आई

पत्रकार वार्ता में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कोलारस चुनाव सिंधिया और शिवराज की लड़ाई नहीं यह भाजपा और कांग्रेस की लड़ाई



शिवपुरी। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह ने कोलारस उपचुनाव से पहले मंगलवार को बड़ा बयान दिया है।उन्होंने आज एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा है कि कांग्रेस में सीएम कैंडिडेट का चेहरा घोषित करने की परंपरा नहीं है। अभी तक किसी भी राज्य में सीएम का चेहरा कांग्रेस हाईकमान ने घोषित नहीं किया है।

केवल पंजाब में उदाहरण विशेष के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह चेहरा थे जबकि राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली या अन्य राज्यों में कभी भी कांग्रेस में सीएम कैंडिडेट घोषित कर चुनाव नहीं लड़ा है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के इस बयान के बाद कांग्रेस की आपसी गुटबाजी सामने आ गई है। दो दिन पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने भी यही बयान दिया था कि कांग्रेस में चेहरा घोषित करने की परंपरा नहीं है।कुल मिलाकर ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों को कांग्रेस के इन दो बड़े नेताओं की बयानबाजी से झटका लगा है।

स्थानीय कई सिंधिया समर्थक कांग्रेसी नेता यह मानकर चल रहे थे कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम कैंडिडेट का चेहरा घोषित कर वर्ष 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी। कुल मिलाकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के बाद मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के बयान के बाद इन संभावनाओं को झटका लगा है।



•  भाजपा और कांग्रेस की लड़ाई है यह

नेता प्रतिपक्ष ने आज पत्रकारों से चर्चा में कोलारस और मुंगावली में हो रहे उपचुनाव को भाजपा और कांग्रेस की लड़ाई बताया। पत्रकार वार्ता के दौरान मीडिया कर्मियों ने जब उनसे पूछा कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया इस लड़ाई को सिंधिया वर्सेस शिवराज की लड़ाई बता रहे हैं। तो इस पर अपनी प्रतिक्रिया में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह किसी नेता की लड़ाई नहीं है बल्कि भाजपा और कांग्रेस के बीच की लड़ाई है।


  • सीएम और मंत्रियों का व्यवहार प्रजातंत्र के लिए ठीक नहीं


नेता प्रतिपक्ष ने पत्रकार वार्ता के दौरान आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके मंत्रिमंडल के दूसरे सदस्य खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। मंच से घोषणा की जा रही हैं। स्वस्थ राजनीति के हिसाब से ठीक नहीं।लोकतंत्र में ऐसी परंपराएं नहीं रही हैं। लेकिन भाजपा के नेता आज ऐसा कर रहे हैं यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।

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