बैराड़ । बैराड़ तहसील के ग्राम नदौरा के श्री हनुमान जी के मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन कथा श्रवण के दौरान स्थानीय महिलाओं पर पांडवों के भाव अवतरित हुए। कथा वाचक पंडित लवकुश शास्त्री ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश है इसलिए जीव के अंदर अपार शक्ति रहती है। यदि कोई कमी रहती है वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प दृढ़ एवं कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे। उन्होंने महारासलीला, श्री उद्धव चरित्र, श्री कृष्ण मथुरा गमन और श्री रुक्मिणी विवाह महोत्सव प्रसंगों पर विस्तृत विवरण दिया।
श्री रुक्मिणी विवाह महोत्सव प्रसंग पर व्याख्यान करते हुए उन्होंने कहा कि रुक्मिणी के भाई रुक्मि ने उनका विवाह शिशुपाल के साथ निश्चित किया था, लेकिन रुक्मिणी ने संकल्प लिया था कि वह शिशुपाल को नहीं केवल गोपाल को पति के रूप में वरण करेंगी। उन्होंने कहा कि शिशुपाल असत्य मार्गी है और द्वारकाधीश भगवान श्री कृष्ण सत्यमार्गी इसलिए मै असत्य को नहीं सत्य को अपनाऊंगी। अत: भगवान श्री द्वारकाधीश जी ने रुक्मिणी के सत्य संकल्प को पूर्ण किया और उन्हें पत्नी के रूप में वरण करके प्रधान पटरानी का स्थान दिया।
रुक्मिणी विवाह प्रसंग पर आगे कथा वाचक ने कहा कि इस प्रसंग को श्रद्धा के साथ श्रवण करने से कन्याओं को अच्छे घर और वर की प्राप्ति होती है और दांपत्य जीवन सुखद रहता है। इस पावन प्रसंग के दौरान दान की विशेष महिमा है।
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