जिस कस्बे मे एकादाशी के वृत ज्यादा होते उस कस्बे मे जल की कमी नही आती : शास्त्री अरविंन्दानंद
मुकेश प्रजापति शिवपुरी के आर्दश ग्राम सिरसौद मे काली माता प्रागण मे भागवत कथा के दौरन , पृथ्वी पर जब-जब अधर्म बढ़ता है तब तब भगवान विविध रूपों में अवतार लेते हैं।पृथ्वी को असुरों से विहीन कर देते हैंभागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के मध्य में पाचवे की कथा मैं भगवान श्रीराम का जन्म श्री कृष्ण जन्म की कथा को श्रवण कराते हुए कथा वाचक रविंन्दानंदा महाराज शात्री ने कहा कि भगवान का जन्म बड़ा ही दिव्य हैं भगवान वैसे तो सृष्टि के कण-कण में विराजमान हैं लेकिन हमारा कर्तव्य है कि हम कथाओं के माध्यम से भजन के माध्यम से अपने ह्रदय प्रदेश को ब्रज वृंदावन बनाकर के हर एक दिन अपने हृदय में भगवान का जन्म कराते रहे उनकी याद करते रहे उनके उत्सवों में डूबे रहे इससे अच्छा जीवन और किसी का हो नहीं सकता। कलयुग में तो भगवान बहुत ही सहजता से प्राप्त हो जाते हैं तुलसीदास जी हो इस कलयुग में जिनके ऊपर ऊपर भगवान की कितनी कृपा रही कई कई बार भगवत् साक्षात्कार किया इन लोगों ने और वही महापुरुषों ने अपने अपने अनुभवों को ग्रंथों में भी व्यक्त किया है जिसे पढ़कर के उसी मार्ग पर हम भी चल सकते हैं तो हमारे ऊपर भी भगवान की पूरी कृपा होगी यह निश्चित है धार्मिकता ईस समाज में अधिक समय तक टिकने वाली नहीं है धर्म हमेशा से चला आ रहा है वह सत्य है की अच्छे संस्कार होंगे तो परिवार में भी बैकुंठ की तरह वातावरण, आराधना में कमी आए राजा दशरथ जी के जीवन में सब कुछ था केवल भगवान नही थे तो व्याकुल हो गये। सब कुछ होने के बाद में भी व्याकुलता हुई सत्य के ऊपर अरुढ रहो संतो का हमेशा सम्मान करो दुश्टों से नास्तिकों से हमेशा दूरी बना कर के रखो वह नास्तिक खुद का भी भला नहीं कर पाते और ना ही किसी दूसरे का भला कर सकते हैं । कथा में नंद महोत्सव मनाया गया जिसमें की वैदिक ब्राह्मण आचार्यों के द्वारा भगवान गोपाल जी का विधिवत दूध दही घी शक्कर शहद पंचामृत आदि से अभिषेक कराया गया साथ ही श्रोता प्रागण मे गीतो पर झूमे सहित सभी भक्तों ने बाल कृष्ण प्रभु की आरती उतारी वही कस्बे की जनता भी भागवत कथा मे पूर्ण सहयोग से बढचढ कर हिस्सा ले रही है!
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