“राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ ग्वालियर” पद्मश्री डॉ. रत्नाप्पा कुंभार जी की जन्म जयंती मनाई गई


रिपोर्ट मुकेश प्रजापति खनियाधाना:-
राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ मध्यप्रदेश जिला ग्वालियर द्वारा हमारे समाज के महान समाजसेवी पद्मश्री डॉ. रत्नाप्पा कुंभार जी की  110 जन्म जयंती
ग्वालियर राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ प्रदेश ® प्रदेश कार्यालय में मनाई गई,

                 

देशभक्त रत्नप्पा कुम्भार एक स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया.
उनका जन्म 15 सितंबर 1909 को एक मराठा कुम्हार परिवार में हुआ था. उन्होंने डा. भीमराव अम्बेडकर के साथ संविधान बनने वाली कमेटी में थे और उन्होंने संविधान के फाईनल ड्राफ्ट पर हस्ताक्षर किये थे. देश के संविधान को बनाने में उनका योगदान किसी भी स्तर से कम नहीं था, कहा जाता है कि देश के संविधान में सामाजिक समरसता और भाईचारे के बीज उनके अनुभवों की देन हैं.
सर्व समाज कार्य के लिए १९८५ में पदम् श्री की उपाधि से नवाजा गया.
 सांसद, विधायक, और मंत्री भी रहे.
उनकी याद में उनके नाम पर देशभक्त रत्नाप्पा कुम्भार कॉलेज ऑफ़ कामर्स कोल्हापुर में स्थापित है।
इस कार्यक्रम के
*मुख्य अतिथि*
माननीय शिवप्रसाद गोला जी (उपायुक्त विकास)
*अध्यक्षता*
माननीय ख्यालेन्द्र प्रजापति जी
प्रदेशाध्यक्ष, राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ मध्यप्रदेश
*विशिष्ट अतिथि*
श्री महेन्द्र कुमार प्रजापति जी (सब इंस्पेक्टर, म प्र पुलिस)
श्री विनोद प्रजापति जी (सब इंस्पेक्टर, म प्र पुलिस)
श्री शैलेन्द्र प्रजापति जी (नगर निगम)
श्री लाखन प्रजापति जी (समाजसेवी)
श्री गणेश प्रजापति जी संभागीय अध्यक्ष ग्वालियर रहे।
इस सुअवसर पर ग्वालियर जिलाध्यक्ष अशोक प्रजापति जी, शिवराज प्रजापति जी, सोनू प्रजापति जी, रवि प्रजापति जी, जगदीश प्रजापति जी, मुकेश प्रजापति जी, डॉ राधा मोहन प्रजापति जी, डॉ विकास प्रजापति जी, सुंदर लाल प्रजापति जी, राजवीर प्रजापति जी , राकेश प्रजापति, रामेश्वर प्रजापति जी, विशम्भर प्रजापति जी, मनोज प्रजापति जी एवं सभी पदाधिकारियों एवं समाजसेवी महानुभावगणों उपस्थित रहे।
समय पर उपस्थित होकर कार्यक्रम में सहभागी बने। डॉ. पद्मश्री रत्नप्पा कुम्भार प्रजापति समाज द्वारा आज बड़ी भाव पूर्वक जन्म जयंती  माना कर उनके द्वारा किये गए महान कार्यों का स्मरण किया गया। एवं समाज विकास के लिए आवश्यक कार्यों पर चर्चा की गई। शिक्षा एवं महिला विकास पर अधिक से अधिक जोर देने की आज बहुत आवश्यकता है।

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