मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह पत्नी अम्रता के साथ माँ नर्मदा की पथ परिक्रमा में मंडला पहुचे
इस परिक्रमा को दिग्विजयसिंह को उनके मत अनुसार माँ नर्मदा के प्रति उनकी आस्था विश्वास ही निर्लेप मंशा राजनीती से परे है।वे पौराणिक मान्यताओं को स्वीकार कर माँ शांकरी की दैविक शक्ति की प्रेरणा
से बीते बर्ष 2017 के दशहरा पर्व से हरहर नर्मदे के जयघोष के साथ निकल पड़े ।
माँ नर्मदा का स्तुतिगान सदियों से अमरकण्टक से खम्बात की खाड़ी तक कि जल प्रवाह जल यात्रा में माँ नर्मदा की शक्ति और भक्ति राग बैराग्य त्याग तप तपस्या के आलोकिक दर्शन के द्रष्टान्त सुनने और पढ़ने को मिलते हैं। इतिहास साक्षी है नदियों के तटों में ही अनेक संस्कृतियो का जन्म हुआ और सम्पन्न राज्यो का स्थापन हुआ वही माँ नर्मदा घाटी में साधु संतों ऋषियों ग्रहस्तो ने माँ नर्मदा के तीरे रिद्धि सिद्धियों की तपस्या फलीभूत हुई ।वर्तमान में कहा जाता है की कलियुग में तप तपस्या के लिए मां रेवा के जल तट तीरे में ही योगियों तपस्वियों और साधनारत होने का आसान स्थान माँ नर्मदा के अमृत नीर के निकट ही प्राप्त है ,युगों से माँ नर्मदा के तटों में भक्ति शक्ति तपस्या वैराग्य का स्तुतिगान आज भी विद्यमान है।
ऐसे में दिग्गी राजा अपनी धर्मपत्नी के साथ राजपाठ स्थगित कर निकले हैं मां नर्मदा की पैदल परिक्रमा में यह कोई राजनीतिक यात्रा नही हैं खुद दिग्विजयसिंह परिक्रमा संचालन में अपने शुभ चिंतको और कांग्रेस जनो से कहते है कोई राजनीति की विषय वस्तु का वार्तालाप न करे साफ शब्दों वे कहते यह परिक्रमा मॉ नर्मदा का ही मार्गदर्शन है और में परिक्रमा वासी ही बनकर माँ नर्मदा की भक्ति मार्ग में चल रहा हूं।मध्यप्रदेश में दिग्विजयसिंह के कांग्रेस जन के साथ गैर कांग्रेस जन और आम नागरिक उनके अनुयायी है और उनकी माँ नर्मदा परिक्रमा पथ संचालन में अपनापन स्नेह और अपने जुड़ाव को रोक नही पाते और अपनी मन की बात अपनी समस्याओं को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री के सामने बंया कर ही देते हैं।
नर्मदा परिक्रमा वासियो का अगर इतिहास लिखा जायेगा तो इस राजा रानी की पथ संचालन परिक्रमा यात्रा अपना एक अलग चेप्टर होगा जो वास्तव में माँ नर्मदा की भक्ति से सराबोर होगा। दिग्विजयसिंह सिंह की इस माँ नर्मदा की परिक्रमा में श्रीमती अम्रता सिंह साथी बनना भी अपने आप मे एक अलग दास्तान बन रही हैं। लोग अब तक इस परिक्रमा को दिग्विजयसिंह को परिक्रमा वासी ही के रूप में श्रद्धा भावना से निहार रहे हैं। इसे यात्रा न कह परिक्रमा वासी ही अब तक कहा जा रहा हैं इस दौरान कांग्रेस के दिग्गज से छोटे से छोटे कांग्रेस जन उनसे बड़ी आत्मीयता से मिल स्वागत करते हैं तो लोग अपनी और समाज इलाके की जन समस्याओं को भी परोसते हैं आज दिग्विजयसिंह मंडला जिले के नारायणगंज पहुच यात्रा को रात्रि विश्राम कर रहे ।
आज ही चुटका बिजली सयंत्र की स्थापना के मुखर विरोध की बात
नर्मदा बचाओ आंदोलन के राजकुमार सिंह ने बताया 16 फरवरी 2017 को पुर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा नारायणगंज,मंडला पहुंचने पर चुटका परमाणु परियोजना विरोधी संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधि मंडल उनसे मिला ।उनसे मिलकर बरगी बांध विस्थापितो के लिए उनके द्वारा किये गए प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया तथा वर्तमान में चुटका परमाणु परियोजना विरोध का सिलसिले वार जानकारी दी गई।पुर्व में राज्य सरकार को दिये गए ज्ञापन की छाया प्रति भी उपलब्ध कराई गई।उनहोंने सभी मुद्दों को समझने के बाद कहा कि हम इस परियोजना को रोकने हेतु प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखेंगे ।उनहोंने ने कहा कि पांचवी अनुसूची क्षेत्र में पेसा कानून के तहत ग्राम सभा की असहमति के बिना परियोजना बनाना संविधान का उलघंन है ,टीकरिया भूकम्प क्षेत्र में है तथा हजारों मछुआरा परिवारों की जिन्दगी इस जलाशय पर निर्भर है अत सरकार को इस परियोजना पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है ।प्रतिनिधी मंडल में दादु लाल कुड़ापे,मीराबाई,दयाल सिंह पुनधे,रामलाल नरेती,सुमरत सिंह बरकड़े,हलकु राम कुंजाम,नोने लाल कुड़ापे ,छोटे लाल तथा नवरत्न दुबे आदि क्षेत्र की जनता शामिल रहे।
शिवपुरी ।मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह पत्नी अम्रता जी के साथ आज मंडला जिला के नारायण गंज जनपद में पहुच गये हैं इस परिक्रमा वासी भेष में लोग हर हर नर्मदे हर का जय घोष कर रहे हैं
इस परिक्रमा को दिग्विजयसिंह को उनके मत अनुसार माँ नर्मदा के प्रति उनकी आस्था विश्वास ही निर्लेप मंशा राजनीती से परे है।वे पौराणिक मान्यताओं को स्वीकार कर माँ शांकरी की दैविक शक्ति की प्रेरणा
से बीते बर्ष 2017 के दशहरा पर्व से हरहर नर्मदे के जयघोष के साथ निकल पड़े ।
माँ नर्मदा का स्तुतिगान सदियों से अमरकण्टक से खम्बात की खाड़ी तक कि जल प्रवाह जल यात्रा में माँ नर्मदा की शक्ति और भक्ति राग बैराग्य त्याग तप तपस्या के आलोकिक दर्शन के द्रष्टान्त सुनने और पढ़ने को मिलते हैं। इतिहास साक्षी है नदियों के तटों में ही अनेक संस्कृतियो का जन्म हुआ और सम्पन्न राज्यो का स्थापन हुआ वही माँ नर्मदा घाटी में साधु संतों ऋषियों ग्रहस्तो ने माँ नर्मदा के तीरे रिद्धि सिद्धियों की तपस्या फलीभूत हुई ।वर्तमान में कहा जाता है की कलियुग में तप तपस्या के लिए मां रेवा के जल तट तीरे में ही योगियों तपस्वियों और साधनारत होने का आसान स्थान माँ नर्मदा के अमृत नीर के निकट ही प्राप्त है ,युगों से माँ नर्मदा के तटों में भक्ति शक्ति तपस्या वैराग्य का स्तुतिगान आज भी विद्यमान है।
ऐसे में दिग्गी राजा अपनी धर्मपत्नी के साथ राजपाठ स्थगित कर निकले हैं मां नर्मदा की पैदल परिक्रमा में यह कोई राजनीतिक यात्रा नही हैं खुद दिग्विजयसिंह परिक्रमा संचालन में अपने शुभ चिंतको और कांग्रेस जनो से कहते है कोई राजनीति की विषय वस्तु का वार्तालाप न करे साफ शब्दों वे कहते यह परिक्रमा मॉ नर्मदा का ही मार्गदर्शन है और में परिक्रमा वासी ही बनकर माँ नर्मदा की भक्ति मार्ग में चल रहा हूं।मध्यप्रदेश में दिग्विजयसिंह के कांग्रेस जन के साथ गैर कांग्रेस जन और आम नागरिक उनके अनुयायी है और उनकी माँ नर्मदा परिक्रमा पथ संचालन में अपनापन स्नेह और अपने जुड़ाव को रोक नही पाते और अपनी मन की बात अपनी समस्याओं को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री के सामने बंया कर ही देते हैं।
नर्मदा परिक्रमा वासियो का अगर इतिहास लिखा जायेगा तो इस राजा रानी की पथ संचालन परिक्रमा यात्रा अपना एक अलग चेप्टर होगा जो वास्तव में माँ नर्मदा की भक्ति से सराबोर होगा। दिग्विजयसिंह सिंह की इस माँ नर्मदा की परिक्रमा में श्रीमती अम्रता सिंह साथी बनना भी अपने आप मे एक अलग दास्तान बन रही हैं। लोग अब तक इस परिक्रमा को दिग्विजयसिंह को परिक्रमा वासी ही के रूप में श्रद्धा भावना से निहार रहे हैं। इसे यात्रा न कह परिक्रमा वासी ही अब तक कहा जा रहा हैं इस दौरान कांग्रेस के दिग्गज से छोटे से छोटे कांग्रेस जन उनसे बड़ी आत्मीयता से मिल स्वागत करते हैं तो लोग अपनी और समाज इलाके की जन समस्याओं को भी परोसते हैं आज दिग्विजयसिंह मंडला जिले के नारायणगंज पहुच यात्रा को रात्रि विश्राम कर रहे ।
आज ही चुटका बिजली सयंत्र की स्थापना के मुखर विरोध की बात
नर्मदा बचाओ आंदोलन के राजकुमार सिंह ने बताया 16 फरवरी 2017 को पुर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा नारायणगंज,मंडला पहुंचने पर चुटका परमाणु परियोजना विरोधी संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधि मंडल उनसे मिला ।उनसे मिलकर बरगी बांध विस्थापितो के लिए उनके द्वारा किये गए प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया तथा वर्तमान में चुटका परमाणु परियोजना विरोध का सिलसिले वार जानकारी दी गई।पुर्व में राज्य सरकार को दिये गए ज्ञापन की छाया प्रति भी उपलब्ध कराई गई।उनहोंने सभी मुद्दों को समझने के बाद कहा कि हम इस परियोजना को रोकने हेतु प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखेंगे ।उनहोंने ने कहा कि पांचवी अनुसूची क्षेत्र में पेसा कानून के तहत ग्राम सभा की असहमति के बिना परियोजना बनाना संविधान का उलघंन है ,टीकरिया भूकम्प क्षेत्र में है तथा हजारों मछुआरा परिवारों की जिन्दगी इस जलाशय पर निर्भर है अत सरकार को इस परियोजना पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है ।प्रतिनिधी मंडल में दादु लाल कुड़ापे,मीराबाई,दयाल सिंह पुनधे,रामलाल नरेती,सुमरत सिंह बरकड़े,हलकु राम कुंजाम,नोने लाल कुड़ापे ,छोटे लाल तथा नवरत्न दुबे आदि क्षेत्र की जनता शामिल रहे।
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