खनियाधाना विकासखण्ड के ग्राम मुहारीकलां में स्थित श्री बांस भिरे के ठाकुर बाबा के स्थान पर जारी श्रीमद भागवत कथा में छटवें दिवस की कथा में कथा व्यास साध्वी कृष्णा भारती मानस किंकरी जी ने गोवर्धन पूजा , गिर्राज धारण ,गोपियों के साथ रासलीला,आदि भगवान कृष्ण की कथाओं का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा की मेरी उपासना करने में दिन भर भूखा रहना निराहार व्रत करना नही है अपितु किसी को मेरा वास्तविक भजन करना है तो उसे अपने दुर्गणों को अपने मन से दूर रखना चाहिए उन्होंने आगे बताया कि नशा करना, अपसब्द बोलना, तास खेलना , दूसरों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार करना आदि छोड़ना ही असली भक्ति है श्रीमद भागवत कथा में यज्ञआचार्य पंडित राजेश कुमार पांडेय शास्त्री मुहारीखुर्द है एवं सह आचार्य पंडित अशोक सड़ेईया ललितपुर है। एवं कथा के मुख्य यजमान हरभजन सिंह राजपूत है।
खनियाधाना विकासखण्ड के ग्राम मुहारीकलां में स्थित श्री बांस भिरे के ठाकुर बाबा के स्थान पर जारी श्रीमद भागवत कथा में छटवें दिवस की कथा में कथा व्यास साध्वी कृष्णा भारती मानस किंकरी जी ने गोवर्धन पूजा , गिर्राज धारण ,गोपियों के साथ रासलीला,आदि भगवान कृष्ण की कथाओं का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा की मेरी उपासना करने में दिन भर भूखा रहना निराहार व्रत करना नही है अपितु किसी को मेरा वास्तविक भजन करना है तो उसे अपने दुर्गणों को अपने मन से दूर रखना चाहिए उन्होंने आगे बताया कि नशा करना, अपसब्द बोलना, तास खेलना , दूसरों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार करना आदि छोड़ना ही असली भक्ति है श्रीमद भागवत कथा में यज्ञआचार्य पंडित राजेश कुमार पांडेय शास्त्री मुहारीखुर्द है एवं सह आचार्य पंडित अशोक सड़ेईया ललितपुर है। एवं कथा के मुख्य यजमान हरभजन सिंह राजपूत है।
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