राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ के मुख्य महासचिव ने समाज में जाग्रति को लेकर लिखा उदवोदन
प्रिन्स प्रजापति
ब्यूरो रिपोर्ट। अक्सर देखा जाता है, कि हम दूसरों पर दोष मढ़ते है अपनी कमजोरियों के लिए। उस व्यक्ति को ये मिल गया, उस वर्ग को प्राथमिकता मिल गई या हमारे साथ भेदभाव हो रहा है। परंतु हम अपनी कमजोरियो की तरफ ध्यान नही देते। मेरे अंदर या मेरे समाज के अंदर क्या कमजोरियां है। क्या हम अपने बच्चों या अपने समाज के बच्चों को उचित शिक्षा दे रहे है या सही शिक्षा का महौल उन बच्चों को उपलब्ध करा रहे है, ताकि वे इस प्रतिस्पर्धा के वातावरण में अपने आप को मजबूत महसूस करे और अच्छे रिजल्ट के साथ खड़े हों।
इस दुनिया मे सब मेहनत और परफेक्शन का खेल है, आप अपने बच्चों को कितना मेहनती और उत्तम बना सकते है, परिवार और समाज का निर्माण उसी पर निर्भर करता है। क्या हम दूसरे समाजो को निंदा कर उनकी उपलब्धियों को कम कर सकते है, नही। एक लकीर को छोटी करने के लिए बड़ी लकीर खिंचनी पड़ती है। क्या उसके लिए हम तैयार है?
धार्मिक आस्थाओं में मान्यताओ में विभेद हो सकते है क्योंकि हमारा जन्म इसी माहौल में हुआ है। इस दुनिया मे हर व्यक्ति किसी न किसी आइडियोलॉजी से जुड़ा हुआ है।
धार्मिक आस्थाओं की कुछ अच्छाइयां, कुछ बुराइयां हो सकती है। हम उन अच्छाइयों को क्यों नही अपना सकते जिनसे हमारे परिवार और समाज को एक अच्छी दिशा मिल सकती हो। बुराइयो को सही अंदाज़ में छोड़ा जा सकता है, पर दुसरो को गाली देकर नही। घृणा करके नही। किसी से घृणा सिर्फ मन को खराब कर सकती,अपने, बच्चो के और समाज के। बुराइयों से या भेदभाव से हमेशा लड़ना चाहिए, पर हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि कहीं हम घृणा तो नही कर रहे।दूसरो से घृणा हमे निम्नतर बनाती है।
हमे मजबूत बनना है, शिक्षित रूप से और आर्थिक रूप से
लोकतंत्र में राजा बोट के आधार से बनता है इस पर विचार करें। अतः सम्मानित साथियों अगर अवस्था परिवर्तन करना चाहते है तो एक होकर सत्ता परिवर्तन करनी होगी तभी मूलभूत समस्याओं जैसे कि सांसद, राज्यसभा सदस्य, विधायक, विधानसभा परिषद, से लेकर ग्राम ग्राम पंचायत सदस्य तक की भागीदारी एवं आईएएस ,पीसीएस से लेकर प्राइमरी स्कूल तक और सरकारी नौकरियों को प्राप्त कर पाएंगे वरना प्रजापति समाज के साथ-साथ पिछड़ा वर्ग पूरा देख रहा है राजनीतिक दलों द्वारा पिछड़े वर्ग की मूलभूत समस्याओं के साथ अन्याय होता चला आ रहा है और वर्तमान में भी हो रहा है क्योंकि आज तक जितनी भी सरकार बनी है उन सभी के द्वारा 27 परसेंट आरक्षण पिछड़े वर्ग का पूर्णतया लागू नहीं किया गया है यह पिछड़े वर्ग के साथ अन्याय हो रहा है। राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ परिवार इस विषय पर कार्य कर रहा है सहयोगियों का स्वागत और उचित कार्य करने वालों के लिए सहयोगी बनने का संकल्प लिया है।
प्रिन्स प्रजापति
ब्यूरो रिपोर्ट। अक्सर देखा जाता है, कि हम दूसरों पर दोष मढ़ते है अपनी कमजोरियों के लिए। उस व्यक्ति को ये मिल गया, उस वर्ग को प्राथमिकता मिल गई या हमारे साथ भेदभाव हो रहा है। परंतु हम अपनी कमजोरियो की तरफ ध्यान नही देते। मेरे अंदर या मेरे समाज के अंदर क्या कमजोरियां है। क्या हम अपने बच्चों या अपने समाज के बच्चों को उचित शिक्षा दे रहे है या सही शिक्षा का महौल उन बच्चों को उपलब्ध करा रहे है, ताकि वे इस प्रतिस्पर्धा के वातावरण में अपने आप को मजबूत महसूस करे और अच्छे रिजल्ट के साथ खड़े हों।
इस दुनिया मे सब मेहनत और परफेक्शन का खेल है, आप अपने बच्चों को कितना मेहनती और उत्तम बना सकते है, परिवार और समाज का निर्माण उसी पर निर्भर करता है। क्या हम दूसरे समाजो को निंदा कर उनकी उपलब्धियों को कम कर सकते है, नही। एक लकीर को छोटी करने के लिए बड़ी लकीर खिंचनी पड़ती है। क्या उसके लिए हम तैयार है?
धार्मिक आस्थाओं में मान्यताओ में विभेद हो सकते है क्योंकि हमारा जन्म इसी माहौल में हुआ है। इस दुनिया मे हर व्यक्ति किसी न किसी आइडियोलॉजी से जुड़ा हुआ है।
धार्मिक आस्थाओं की कुछ अच्छाइयां, कुछ बुराइयां हो सकती है। हम उन अच्छाइयों को क्यों नही अपना सकते जिनसे हमारे परिवार और समाज को एक अच्छी दिशा मिल सकती हो। बुराइयो को सही अंदाज़ में छोड़ा जा सकता है, पर दुसरो को गाली देकर नही। घृणा करके नही। किसी से घृणा सिर्फ मन को खराब कर सकती,अपने, बच्चो के और समाज के। बुराइयों से या भेदभाव से हमेशा लड़ना चाहिए, पर हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि कहीं हम घृणा तो नही कर रहे।दूसरो से घृणा हमे निम्नतर बनाती है।
हमे मजबूत बनना है, शिक्षित रूप से और आर्थिक रूप से
लोकतंत्र में राजा बोट के आधार से बनता है इस पर विचार करें। अतः सम्मानित साथियों अगर अवस्था परिवर्तन करना चाहते है तो एक होकर सत्ता परिवर्तन करनी होगी तभी मूलभूत समस्याओं जैसे कि सांसद, राज्यसभा सदस्य, विधायक, विधानसभा परिषद, से लेकर ग्राम ग्राम पंचायत सदस्य तक की भागीदारी एवं आईएएस ,पीसीएस से लेकर प्राइमरी स्कूल तक और सरकारी नौकरियों को प्राप्त कर पाएंगे वरना प्रजापति समाज के साथ-साथ पिछड़ा वर्ग पूरा देख रहा है राजनीतिक दलों द्वारा पिछड़े वर्ग की मूलभूत समस्याओं के साथ अन्याय होता चला आ रहा है और वर्तमान में भी हो रहा है क्योंकि आज तक जितनी भी सरकार बनी है उन सभी के द्वारा 27 परसेंट आरक्षण पिछड़े वर्ग का पूर्णतया लागू नहीं किया गया है यह पिछड़े वर्ग के साथ अन्याय हो रहा है। राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ परिवार इस विषय पर कार्य कर रहा है सहयोगियों का स्वागत और उचित कार्य करने वालों के लिए सहयोगी बनने का संकल्प लिया है।
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