गर्मी में ग्राहकी न होने के कारण मटके व्यवसायी परेशान : ख्यालेन्द्र प्रजापति
मध्यप्रदेश में कुम्भार (प्रजापति) समाज को विशेष राहत पैकेज द्वारा आर्थिक सहायता देने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा पत्र
प्रिन्स प्रजापति
ब्यूरो रिपोर्ट । कुम्भारों (प्रजापति) के तैयार बर्तनों व गमी के राजा ठंडा मटका से जो रोजगार चार महिनों में होता है, उसकी भी कोरोना महामारी लोकडाउन के कारण तैयार मटको को कोई भी लेने नहीं आ रहा है, जबकि गर्मी प्रारम्भ होते ही गरीब के घर का फ्रीज मटका ही होता है जो कोरोना महामारी लोकडाउन के कारण लॉक हो गया है। कुम्भारों के बर्तनों की माह अप्रैल से लेकर जून माह तक मटको की ब्रिकी होती है जिससे अपने परिवार का भरण पोषण कर लेता है क्योंकि इन मिट्टी के बर्तनों को बनाने में उसका पूरा परिवार लगा होता है तब जाकर खाने की व्यवस्था होती है। अभी तक कुम्भारों के बर्तनों की ब्रिकी अच्छी खासी हो जाती थी लेकिन सालभर से मटको की ब्रिकी का इंतजार कर रहे कुम्हारों के व्यवसाय पर कोरोना वायरस ने ग्रहण लगा दिया है। हालत यह है कि मट्का बनाने के कारोबार से जुड़े परिवार दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे है।
प्रदेशाध्यक्ष ख्यालेन्द्र प्रजापति ने कहा कि मटका बनाने के बाद ग्रामीण से शहरों में भी रोड के पास हार साल मटके बेचते नजर आते थे अबकी बार कोरोना वायरस के कारण कोई कुम्भार व्यापारी भी शहरों में नहीं आ सकें। मिट्टी के व्यवसाय से जुडे लोगों को सरकार से अब तक किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है बेचारा गरीब कुम्भार अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करें । क्योंकि गर्मी में सबसे ज्यादा बर्तन की ब्रिकी होती थी जिससे बनाने वाले व बेचने वाले जैसे तैसे अपने परिवार का भरण-पोषण करके अपने परिवार को पालता था। इस कोरोना महामारी के कारण जो लोकडाउन हुआ है उससे इस समय जो शादी होने वाले भी सभी रूक गई इसलिए ये समाज अब बिल्कुल परेशान और हताश हो गया।
राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ मध्यप्रदेश के ग्वालियर संभागीय अध्यक्ष मनीष कुंभकार व शिवपुरी जिलाध्यक्ष लखन प्रजापति (खातौरा) ने कहा कि मटका बनाने में सम्पूर्ण भारत में मध्यप्रदेश का नाम है और सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के सभी ग्रामीण व शहरी इलाकों में आज भी मटके बनाने का व्यवसाय किया जाता है, जो सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में इस लोकडाउन के चलते मध्यप्रदेश के कई शहरों में व सभी ग्रामीण क्षेत्रों सहित वन क्षेत्र में भी कुम्भार समाज के सभी व्यवसायी मटके नहीं बिकने के कारण परेशान है। वर्तमान आने वाले समय में लोकडाउन खुलने के बाद कुम्भार अपने परिवार को कैसे पालेगा और बच्चों को कैसे पढायेगा ।
मुख्यमंत्री शिवराज व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को लिखा पत्र
राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ मध्यप्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष ख्यालेन्द्र प्रजापति ने मध्यप्रदेश की सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व गोविंद सिंह राजपूत खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री, मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखकर ट्वीट कर कुम्भार (प्रजापति) समाज के मटका व्यवसाय की समस्या के बारे में जल्द ही कुम्भार समाज की समस्या के समाधान के लिए कुम्भार (प्रजापति) समाज को आर्थिक सहायता दिलवाने हेतु निवेदन किया है। इस समस्या के कारण लाखों परिवारों पर रोजगार का संकट मंडरा रहा है साल भर इसी सीजन में कुम्भार का व्यवसाय अच्छी तरीके चलता था उनको अपनी मेहनत का फल इसी समय मिलता था लेकिन लोकडाउन के कारण जीवन अन्धकार में नजर आ रहा है। कुम्भार (प्रजापति) समाज के मटका व्यवसाय से जुड़े परिवारों की उक्त समस्या हेतु सरकार को लॉक डाउन में नियमों के अनुसार सोशल डिसटेन्स का पालन करते हुए इनको मटके की ब्रिकी के लिए घर-घर फेरी लगाकर करने की परमिशन दी जानी चाहिए।
प्रिन्स प्रजापति ✍️✍️✍️
मो 9755844451 📞📞
मध्यप्रदेश में कुम्भार (प्रजापति) समाज को विशेष राहत पैकेज द्वारा आर्थिक सहायता देने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा पत्र
प्रिन्स प्रजापति
ब्यूरो रिपोर्ट । कुम्भारों (प्रजापति) के तैयार बर्तनों व गमी के राजा ठंडा मटका से जो रोजगार चार महिनों में होता है, उसकी भी कोरोना महामारी लोकडाउन के कारण तैयार मटको को कोई भी लेने नहीं आ रहा है, जबकि गर्मी प्रारम्भ होते ही गरीब के घर का फ्रीज मटका ही होता है जो कोरोना महामारी लोकडाउन के कारण लॉक हो गया है। कुम्भारों के बर्तनों की माह अप्रैल से लेकर जून माह तक मटको की ब्रिकी होती है जिससे अपने परिवार का भरण पोषण कर लेता है क्योंकि इन मिट्टी के बर्तनों को बनाने में उसका पूरा परिवार लगा होता है तब जाकर खाने की व्यवस्था होती है। अभी तक कुम्भारों के बर्तनों की ब्रिकी अच्छी खासी हो जाती थी लेकिन सालभर से मटको की ब्रिकी का इंतजार कर रहे कुम्हारों के व्यवसाय पर कोरोना वायरस ने ग्रहण लगा दिया है। हालत यह है कि मट्का बनाने के कारोबार से जुड़े परिवार दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे है।
प्रदेशाध्यक्ष ख्यालेन्द्र प्रजापति ने कहा कि मटका बनाने के बाद ग्रामीण से शहरों में भी रोड के पास हार साल मटके बेचते नजर आते थे अबकी बार कोरोना वायरस के कारण कोई कुम्भार व्यापारी भी शहरों में नहीं आ सकें। मिट्टी के व्यवसाय से जुडे लोगों को सरकार से अब तक किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है बेचारा गरीब कुम्भार अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करें । क्योंकि गर्मी में सबसे ज्यादा बर्तन की ब्रिकी होती थी जिससे बनाने वाले व बेचने वाले जैसे तैसे अपने परिवार का भरण-पोषण करके अपने परिवार को पालता था। इस कोरोना महामारी के कारण जो लोकडाउन हुआ है उससे इस समय जो शादी होने वाले भी सभी रूक गई इसलिए ये समाज अब बिल्कुल परेशान और हताश हो गया।
राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ मध्यप्रदेश के ग्वालियर संभागीय अध्यक्ष मनीष कुंभकार व शिवपुरी जिलाध्यक्ष लखन प्रजापति (खातौरा) ने कहा कि मटका बनाने में सम्पूर्ण भारत में मध्यप्रदेश का नाम है और सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के सभी ग्रामीण व शहरी इलाकों में आज भी मटके बनाने का व्यवसाय किया जाता है, जो सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में इस लोकडाउन के चलते मध्यप्रदेश के कई शहरों में व सभी ग्रामीण क्षेत्रों सहित वन क्षेत्र में भी कुम्भार समाज के सभी व्यवसायी मटके नहीं बिकने के कारण परेशान है। वर्तमान आने वाले समय में लोकडाउन खुलने के बाद कुम्भार अपने परिवार को कैसे पालेगा और बच्चों को कैसे पढायेगा ।
मुख्यमंत्री शिवराज व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को लिखा पत्र
राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ मध्यप्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष ख्यालेन्द्र प्रजापति ने मध्यप्रदेश की सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व गोविंद सिंह राजपूत खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री, मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखकर ट्वीट कर कुम्भार (प्रजापति) समाज के मटका व्यवसाय की समस्या के बारे में जल्द ही कुम्भार समाज की समस्या के समाधान के लिए कुम्भार (प्रजापति) समाज को आर्थिक सहायता दिलवाने हेतु निवेदन किया है। इस समस्या के कारण लाखों परिवारों पर रोजगार का संकट मंडरा रहा है साल भर इसी सीजन में कुम्भार का व्यवसाय अच्छी तरीके चलता था उनको अपनी मेहनत का फल इसी समय मिलता था लेकिन लोकडाउन के कारण जीवन अन्धकार में नजर आ रहा है। कुम्भार (प्रजापति) समाज के मटका व्यवसाय से जुड़े परिवारों की उक्त समस्या हेतु सरकार को लॉक डाउन में नियमों के अनुसार सोशल डिसटेन्स का पालन करते हुए इनको मटके की ब्रिकी के लिए घर-घर फेरी लगाकर करने की परमिशन दी जानी चाहिए।
प्रिन्स प्रजापति ✍️✍️✍️
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