भगवान परशुरामजी की जन्मस्थली "जानापाव"को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना एवं जीवनी को पाठ्यक्रम में किया शामिल
मुख्यमंत्री का आभार:सुरेन्द्र शर्मा
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेन्द्र शर्मा ने भगवान परशुराम जी की जन्मस्थली जानापाव(इंदौर) को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में शामिल करने एवं उनकी जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा करने के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान का आभार व्यक्त किया है।
सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के इस निर्णय से प्रदेश के सभी वर्गों के लोग भगवान परशुराम जी की जन्मस्थली के दर्शन कर सकेंगे एवं उनकी जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल होने से आने वाली पीढ़ियों को उनके जीवन से प्रेरणा मिल सकेगी।
सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम भगवान विष्णु के अवतार थे उनका जीवन लोक हितैषी था अज्ञानता वश कुछ लोग यह भी कहते हैं कि उन्होंने 24 बार पृथ्वी को क्षत्रियों से बिहीन किया इस भ्रांति के कारण कुछ लोग उन्हें क्षत्रिय विरोधी भी कहते हैं और केवल ब्राह्मणों के आराध्य देव तक सीमित कर देते हैं।
वास्तविकता में उन्होंने अत्याचारी राजाओं का निर्मूलन करके सुशासन की स्थापना की थी और जब उन्हें यह विश्वास हो गया कि श्री राम अव राक्षसों का विनाश करने आ गये हैं तो अपना धनुष भी उन्हें सौंपकर तपस्या के लिये चले गये।भगवान परशुराम जी की जीवनी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होने से उनके जीवन से जुड़ीं और भी अनेक महत्वपूर्ण बातें भी इस देश के नागरिक जान सकेंगे।
सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि कल भोपाल में ब्राह्मण समाज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने गरीब वर्ग के विद्यार्थियों के 70 प्रतिशत से कम अंक आने पर उनकी फीस भरने की बैकल्पिक व्यवस्था पर बिचार करने का भी भरोसा दिलाया है इसके लिये भी सह्रदय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार है।
मुख्यमंत्री का आभार:सुरेन्द्र शर्मा
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेन्द्र शर्मा ने भगवान परशुराम जी की जन्मस्थली जानापाव(इंदौर) को मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में शामिल करने एवं उनकी जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा करने के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान का आभार व्यक्त किया है।
सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के इस निर्णय से प्रदेश के सभी वर्गों के लोग भगवान परशुराम जी की जन्मस्थली के दर्शन कर सकेंगे एवं उनकी जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल होने से आने वाली पीढ़ियों को उनके जीवन से प्रेरणा मिल सकेगी।
सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम भगवान विष्णु के अवतार थे उनका जीवन लोक हितैषी था अज्ञानता वश कुछ लोग यह भी कहते हैं कि उन्होंने 24 बार पृथ्वी को क्षत्रियों से बिहीन किया इस भ्रांति के कारण कुछ लोग उन्हें क्षत्रिय विरोधी भी कहते हैं और केवल ब्राह्मणों के आराध्य देव तक सीमित कर देते हैं।
वास्तविकता में उन्होंने अत्याचारी राजाओं का निर्मूलन करके सुशासन की स्थापना की थी और जब उन्हें यह विश्वास हो गया कि श्री राम अव राक्षसों का विनाश करने आ गये हैं तो अपना धनुष भी उन्हें सौंपकर तपस्या के लिये चले गये।भगवान परशुराम जी की जीवनी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होने से उनके जीवन से जुड़ीं और भी अनेक महत्वपूर्ण बातें भी इस देश के नागरिक जान सकेंगे।
सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि कल भोपाल में ब्राह्मण समाज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने गरीब वर्ग के विद्यार्थियों के 70 प्रतिशत से कम अंक आने पर उनकी फीस भरने की बैकल्पिक व्यवस्था पर बिचार करने का भी भरोसा दिलाया है इसके लिये भी सह्रदय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार है।
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