शिवपुरी। शिवपुरी में कल की घटना में हिन्दू मुस्लिम एकता और दोस्ती की मिसाल जैसी कई बातें सामने आईं।लेकिन एक विशेष बात और भी थी जो लोगों के लिखने या पड़ने से रह गयी। और वो बात थी हमारे बीच के नोजवान नेता सुरेंद्र शर्मा का सेवाभावी व्यवहार। जी हां,आज पूरे देश में ही फ़ोटो छपाऊ नेताओं की फ़ौज खड़ी हो गई है ऐसे में नेता शब्द का असली अर्थ कहीं पीछे छूट गया, और सामने आया एक मतलब परस्त चेहरा।
लेकिन भाजपा नेता सुरेंद्र शर्मा ने कल यह बता दिया कि यदि दिल में ईमानदारी से समाजसेवा का जज्बा हो तो आज भी लोगों के दिलों में नेताओं की छवि एक नायक के रूप में ही उकेरी जा सकती है।कल जब आधा सैकड़ा हृदयहीन लोगों से भरा ट्रक बीमार लड़के को चिलचिलाती धूप में सुनसान सड़क पर अकेला छोड़कर चलता बना तो, उस सड़क से चंद मिनिटों में कहने को तो कई वाहन गुजरे और लगभग रोज अखबारों में सुर्खियां बटोरने वाले कथित समाजसेवी भी गुजरे लेकिन कोरोना के डर से वहां रुकने का साहस किसी ने नहीं दिखाया। ऐसे में अपने आवश्यक कार्य को बीच मे छोड़कर सुरेंद्र शर्मा न केवल वहां रुके बल्कि तब तक नहीं गए जब तक कि एम्बुलेंस बुलाकर उस बीमार लड़के के इलाज की समुचित व्यवस्था न कर दी।
उनका यह कार्य केवल उनकी समाजसेवा और सह्रदयता को ही नहीं दर्शाता बल्कि एक सबक है आज के उन नई पीढ़ी के नेताओं के लिए जो बिना कुछ करे ही शॉर्टकट से राजनीति की ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं।सलाम है सुरेंद्र शर्मा जैसे युवा नेता के जज्बे को,और उस डॉक्टर विवेक शर्मा सहित उसकी टीम को भी जिसने इस बीमार युवक को बचाने स्वयं के संक्रमित होने की बिल्कुल चिंता नहीं की।
Post a Comment