कमलनाथ अधिकारियों को धमकाने की कोशिश न करें:सुरेन्द्र शर्मा
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेन्द्र शर्मा ने काँग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलनाथ के उस वयान की निंदा की है जिसमें उन्होंने अधिकारियों पर एक्शन लेने की बात कही है सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि कमलनाथ अधिकारियों को धमका कर उन पर दवाब बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी पूर्णतः निष्पक्ष है और वह अपना काम पूरी तत्परता और ईमानदारी से करती है लोकतंत्र में हार जीत जनता तय करती न कि अधिकारी कमलनाथ शायद यह भूल गये हैं कि मध्यप्रदेश में काँग्रेस की सरकार रहते हुये दो बार चुनाव हुये एक बार काँग्रेस जीती और एक बार हारी।
भारतीय जनता पार्टी के सरकार में रहते हुये भी भाजपा झाबुआ लोकसभा सहित अनेक उप चुनाव हारी है यह हार जीत स्थानीय मुद्दों के आधार पर हुई है।
सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि प्रदेश का कोई भी अधिकारी जेब मे भाजपा का बिल्ला लेकर नहीं घूमता लेकिन कर्मचारी काँग्रेस में कार्यरत कर्मचारी खुले आम काँग्रेस की गतिविधियों में शामिल होते हैं कर्मचारी काँग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष काँग्रेस से विधानसभा का टिकिट माँग रहे हैं तब कमलनाथ की निष्पक्षता कहाँ चली जाती है।
लोक तंत्र में सबको अपनी बात कहने का हक है,काँग्रेस को शिकायत करना है तो करे क्योंकि शिकायत वही करता है जिसके मन मे हार का डर हो। श्री कमलनाथ को अहसास हो गया है कि उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश में काँग्रेस एक बार फिर पराजय का मुँह देखने वाली है इसलिये संभावित पराजय का ठीकरा दूसरों के सिर फोड़ने के लिये वह प्रदेश के अधिकारियों पर पक्षपात का आरोप लगाकर अप्रत्यक्ष रूप से धमकाने की कोशिश कर रहे हैं।
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेन्द्र शर्मा ने काँग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलनाथ के उस वयान की निंदा की है जिसमें उन्होंने अधिकारियों पर एक्शन लेने की बात कही है सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि कमलनाथ अधिकारियों को धमका कर उन पर दवाब बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी पूर्णतः निष्पक्ष है और वह अपना काम पूरी तत्परता और ईमानदारी से करती है लोकतंत्र में हार जीत जनता तय करती न कि अधिकारी कमलनाथ शायद यह भूल गये हैं कि मध्यप्रदेश में काँग्रेस की सरकार रहते हुये दो बार चुनाव हुये एक बार काँग्रेस जीती और एक बार हारी।
भारतीय जनता पार्टी के सरकार में रहते हुये भी भाजपा झाबुआ लोकसभा सहित अनेक उप चुनाव हारी है यह हार जीत स्थानीय मुद्दों के आधार पर हुई है।
सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि प्रदेश का कोई भी अधिकारी जेब मे भाजपा का बिल्ला लेकर नहीं घूमता लेकिन कर्मचारी काँग्रेस में कार्यरत कर्मचारी खुले आम काँग्रेस की गतिविधियों में शामिल होते हैं कर्मचारी काँग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष काँग्रेस से विधानसभा का टिकिट माँग रहे हैं तब कमलनाथ की निष्पक्षता कहाँ चली जाती है।
लोक तंत्र में सबको अपनी बात कहने का हक है,काँग्रेस को शिकायत करना है तो करे क्योंकि शिकायत वही करता है जिसके मन मे हार का डर हो। श्री कमलनाथ को अहसास हो गया है कि उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश में काँग्रेस एक बार फिर पराजय का मुँह देखने वाली है इसलिये संभावित पराजय का ठीकरा दूसरों के सिर फोड़ने के लिये वह प्रदेश के अधिकारियों पर पक्षपात का आरोप लगाकर अप्रत्यक्ष रूप से धमकाने की कोशिश कर रहे हैं।
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